Gram Panchayat Haminpur Pilani Jhunjhunu

Haminpur

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Lunch with Laadli Yojna Jhunjhunu

Lunch with Laadli Yojna Jhunjhunu

 

नवाचार की कड़ी में एक और अनूठा कदम उठाते हुए झुंझुनूं जिला प्रशासन ने बुधवार लंच विद लाडली की शुरुआत की। जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव जिले के इस्लामपुर गांव के सेठ रामकुमार सोमानी आदर्श राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंच गए और कहने लगे, आज दोपहर का लंच आपके साथ करूंगा। यह सुनकर प्रधानाचार्या, स्टाफ और बेटियां अचरज में भर गई। यादव ने बालिकाओं के लिए बने पोषाहार की रसोई में पहुंच कर रोटियां बनते देखी और वहां तैयार दाल के साथ भोजन किया। स्कूल की पहली से बारहवीं तक की 331 बालिकाओं के साथ बातें करते हुए, कलेक्टर अन्य अधिकारियों ने भोजन किया। यह कार्यक्रम आने वाले दिनों में जारी रहेगा। उन्होंने इस दौरान स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था, साफ-सफाई, मिड डे मील सहित अनेक व्यवस्थाओं का जायजा लिया। भोजन के तत्काल बाद उन्होंने बालिकाओं से बातचीत की। उनसे पूछा, बताओ राजस्थान के राज्यपाल कौन हैं, देश के राष्ट्रपति कौन हैं, बच्चियों ने सही उत्तर दिए तो उनके साथ आए अधिकारियों ने बेटियों को 21 रुपए से लेकर 101 रुपए तक का पुरस्कार दिया। यादव ने स्कूल की शानदार व्यवस्थाओं के लिए स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सुनीता स्टाफ की सराहना की। इस दौरान महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक विप्लव न्यौला, झुंझुनूं की शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल के प्रिंसीपल मनीराम मंडीवाल, इस्लामपुर के सरपंच अाशाराम मौजूद थे। 

 

कलेक्टर ने स्कूल की बालिकाअों से पूछा कि उनकी कोई समस्या है क्या, इस पर बारहवीं की एक बालिका ने झिझकते हुए कहा कि उनके खेलने के लिए मैदान नहीं है। स्कूल परिसर भी छोटा पड़ रहा है। इस पर कलेक्टर ने सरपंच स्कूल की प्रिंसीपल सुमित्रा झाझड़िया से इस बारे में प्लान भेजने को कहा ताकि बेटियों के लिए खेल मैदान की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कलेक्टर से गांव एक मैदान का जिक्र किया जिसे खेल मैदान बनाया जा सकता है। 

भारत का इतिहास पढ़ाने लगे : कले€क्टर यादव स्कूल पहुंचे तो बारहवीं में बच्चियों को इतिहास पढ़ाया जा रहा था। यादव पहले तो क्लास में सबसे पीछे जाकर बैठ गए। कुछ देर खुद ही ब्लैक बोर्ड के पास पहुंचे और भारत के संविधान, कश्मीर की समस्या, भारत-चीन-पाकिस्तान के संबधों के बारे में बालिकाओं को विस्तार से जानकारी देने लगे। यादव पहली क्लास में पंहुचे तो सभी बच्चों ने उनके पैर छुए। उन्होंने बच्चों से अंक गणित के सवाल पूछे जिनका बच्चों ने सही जवाब दिया। स्कूल भवन में छत की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर करीने से रखे बच्चों के जूते देख कर यादव और अन्य अतिथि स्कूल प्रबंधन की सराहना किए बिना रह सके। 

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