Rani Sati Girls Primary School Jhunjhunu
झुंझुनूं में एक ऐसा प्राइवेट स्कूल ऐसा भी है जहां तीन सौ से ज्यादा बेटियों को मात्र पांच रुपए प्रतिमाह की फीस पर पांचवीं तक पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं हर साल प्रत्येक कक्षा की एक होनहार बालिका को 1001 रुपए की स्कॉलरशिप भी दी जाती है, यानी पांच कक्षाओं की पांच बेटियों को पांच हजार पांच रुपए की छात्रवृत्ति। यह स्कूल है राणीसती बालिका प्राथमिक विद्यालय। इस स्कूल को चलाने का सालभर का खर्च करीब सात लाख रुपए है। करीब 62 साल पहले राणी सती मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में इस स्कूल को शुरू किया था। वर्तमान में यहां 340 बेटियां पढ़ रही हैं। पांच रुपए का प्रवेश शुल्क एक तरह से टोकन मनी ही है। यहां पढ़ने वाली गरीब और जरूरतमंद बेटियों को पोशाक, किताबें, बैग आदि निशुल्क दिए जाते हैं। पांचवीं के बाद ये बालिकाएं इसी संस्था की 12वीं तक की स्कूल में प्रवेश ले सकती हैं, वहां भी बहुत कम फीस ली जाती है।
संस्था की प्राथमिक स्तर की अंग्रेजी माध्यम की भी स्कूल है जिसमें लड़कियों के साथ लड़कों को भी प्रवेश दिया जाता है। कुल मिला कर तीन निजी स्कूलों में 1200 से ज्यादा लड़कियां (कुछ लड़के भी) बहुत ही कम फीस में पढ़ाई कर रही हैं। राणी सती मंदिर ट्रस्ट ने 1955 में अपने सेवा प्रकल्पों के तहत बेटियों को पढ़ाने के लिए प्राइमरी स्तर की स्कूल शुरू की। इसमें बिना किसी जाति भेदभाव के गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों को प्रवेश दिया गया। ट्रस्ट के व्यवस्थापक हरिशचंद्र रोहिल्ला ने बताया कि उस दौरान विरोध भी खूब किया कि लड़कियों को पढ़ा रहे हो, बिगड़ जाएंगी। उस समय के आगीवाण रहे भोलाराम पाटोदिया ने मात्र पांच रुपए में प्रवेश देने का फैसला किया और पांच साल तक कुछ भी फीस नहीं रखी। इसके बाद अंग्रेजी माध्यम की प्राइमरी 12वीं तक की एक और स्कूल भी प्रारंभ कर दी गई।
रुइया परिवार ये स्कॉलरशिप पंद्रह साल से दे रहा है। रुइया परिवार इसके अलावा छठी से बारहवीं तक की नौ होनहार छात्राओं को 39 हजार की स्कॉलरशिप भी देंगे। समारोह के मुख्य अतिथि देवेन्द्र झुंझुनुवाला होंगे जो अपनी ओर से छठी से नौवीं की चार छात्राओं को 2100-2100 तथा बारहवीं की एक छात्रा को 5100 रुपए की स्कॉलरशिप देंगे।