शहीद कंवर पाल सिंह
26 जून, 1972 - 26 जून, 1999
बनगोठड़ी गांव के बनवारी सिंह और मंगेज कंवर के घर 26 जून, 1972 को जिस लाल ने जन्म लिया था, उसका नाम उन्होंने बड़े नाज से कंवर पाल रखा | उस दिन वे नहीं जानते थे कि यही कंवर पाल एक दिन उनका ही नहीं, पूरे गांव और जिले का नाम रोशन करेगा।
राजस्थान के झुंझुनू जिले के गांव बनगोठड़ी के पांच भाइयों ने एक साथ कारगिल युद्ध लड़ा। फिलहाल भिवानी शहर की जगत कॉलोनी मेें शहीद कंवरपाल के भाई पवन ने बताया कि बेशक पांचों भाई अलग-अलग यूनिट में थे, पर मकसद सभी का एक था। युद्ध में एक भाई कंवरपाल दुश्मनों से लड़ते-लड़ते शहीद हुआ। आर्मी के जवान रहे पवन कुमार ने बताया कि कारगिल युद्ध में पांच भाई प्रताप सिंह, लक्ष्मण, रामअवतार, कंवरपाल और उसने स्वयं भाग लिया। प्रतापसिंह और लक्ष्मण सेवानिवृत्त हो चुके हैं। भाई कंवर पाल की शहादत पर गर्व है। कंवर पाल सेकेंड राज राइफल में थे। एक यूनिट एक अटैक करती है, मगर कंवर पाल की यूनिट ने दो अटैक किए। यूनिट के जवानों ने भूखे-प्यासे होने के बावजूद युद्ध लड़ा और दुश्मनों को मात दी।