Gram Panchayat Haminpur Pilani Jhunjhunu

Haminpur

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Shaheed Captain Dhanwant Sharma Govt School Morwa

शहीद कैप्टन धनवंत शर्मा

श्रीनगर में 22 जून 1994 को वीरगति प्राप्त करने वाले शहीद कैप्टेन धनवंत शर्मा के पिता कर्नल किशनलाल शर्मा ने भी अनेक सैन्य मेडल प्राप्त किए थे। 1987 में एनडीए में प्रवेश लेते हुए विशेष प्रतिभा के कारण सार्जेंट मेजर का सम्मानित पद प्राप्त किया।

रा.उ.मा.वि. मोरवा का नामकरण शहीद कैप्टन धनवंत शर्मा के नाम से किया |

 

शहीदाें को समाज व देश मे भगवान की तरह सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि उनकी शहादत व वीरता के कारण ही देश की सीमा सुरक्षित है। यह बात सैनिक कल्याण समिति अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने शहीद कैप्टन धनवंत शर्मा पुत्र कर्नल किशन लाल शर्मा के नाम से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोरवा के नामकरण समारोह में कही। अध्यक्षता अजा आयोग अध्यक्ष पिलानी विधायक सुंदरलाल ने की। विशिष्ट अतिथि राजस्थान पुलिस डीजी नवदीप सिंह, सूरजगढ़ प्रधान सुभाष पूनिया, चिड़ावा प्रधान कैलाश मेघवाल व मोरवा सरपंच जितेंद्रसिंह शेखावत थे।

 

 

संचालक कैलाश व्यास लीखवा ने शहीद कैप्टन शर्मा का परिचय दिया कि शहीद धनवंत शर्मा पिता कर्नल किशनलाल शर्मा के पदचिह्नों पर चलते हुए 1990 में आईएमए में भर्ती हुए। 1991 में लेफ्टिनेंट व जनवरी 1994 में कैप्टन बने। 22 जून 1994 को कारगिल में शहीद हो गए। कैप्टन शर्मा को 2003 में केंद्र सरकार द्वारा शहीद का दर्जा दिया गया। कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य सरोजमानसिंह श्योराण, एससी मोर्चा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र मेघवाल, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष संदीप पारीक, मंडल अध्यक्ष मुरलीमनोहर शर्मा, हषवर्धनसिंह शेखावत, सरपंच कृष्णकुमार पीपली मौजूद थे।

पिता को भी वीरता के लिए सियाचीन गलेशियर अवार्ड
1990 में आईएमए देहरादून से कामांडो कोर्स पूरा कर अंडर ऑफिसर का गौरवमय पद प्राप्त किया। इसी वर्ष दिसंबर 1990 में भारतीय थल सेना के तोपखाना रेजीमेंट में सैकंड लेफ्टिनेंट के रुप में नियुक्त हुए। 1991 में अपनी युनिट 299 फील्ड रेजीमेंट के साथ कश्मीर में नियुक्त होकर 17 आतंकियों को समाप्त किया तथा अनेको को गिरफ्तार किया। वीरता, साहस व निड़रता व अग्रणी रहने के कारण उन्हें कैप्टेन के पद पर क्रमोन्नत किया गया।

अक्टूबर 1993 से मार्च 1994 तक छह महिने सियाचीन की बाना चौकी पर ड्यूटी पूर्ण करने पर उन्हें सियाचीन ग्लेशियर पदक प्रदान किया गया। शहीद कैप्टेन धनवंत शर्मा 22 जून 1994 को आतंकियों के साथ युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। मोरवा गांव के स्कूल का नामकरण शहीद कैप्टेन धनवंत शर्मा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोरवा किया है ताकि उनकी स्मृति चिरस्थाई बनी रहे।

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