दिनांक 5 अक्तूबर 2017 को शहीद ओमवीर सिंह के जन्मदिन के दिन ही उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया |
गाँव में हुए इस समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान सर्कार में सहकारिता एंव गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किल्क , अध्यक्क्षता पिलानी विधायक एंव अनुसूचित जाती आयोग अध्यक्क्ष श्री सुन्दर लाल जी ने की |
विसिष्ठ अतिथि झुंझुनू सांसद श्रीमती संतोष अहलावत एंव सनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्क्ष श्रीप्रेम सिंह बाजोर थे |
अति विसिष्ठ अतिथि श्री ख्देव सिंह कटारिया (पूर्व मंत्री हरियाणा सरकार), श्री रामोतार जाखर (सचिव भारतीय वॉली संघ)
श्री सुभाष पूनिया (प्रधान, सूरजगढ़ ) एंव श्री कैलाश मेघवाल (प्रधान,चिडावा) थे |
शहीद किसी समाज या धर्म के नहीं होते है ,ये तो सम्मानीय व देवता के समान पूजनीय होते है उक्त कथन राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने गुरुवार को पंचायत समिति के हमीनपुर गांव में शहीद ओमवीर सिंह की मूर्ती अनावरण समारोह के दौरान कहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रेमसिंह बाजौर ने कहा की जिस गांव का लाल शहीद हुआ हो उस गांव में उसका मंदिर बनाकर उसे पूजना चाहिए। किसी भी शुभ कार्य और परेशानी के समय उसके सामने मन्नत मांगनी चाहिए। उनका विश्वास है कि उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। बाजौर ने कहा की कहा कि शहीद देश की धरोहर है और जिस घर और गांव में शहीद होता है वहां शहीद की वीरांगना, माता-पिता तथा गांववासी भी धन्य हो जाते है।
कार्यक्रम को सहकारिता मंत्री अजय सिंह किंलक ने भी संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में जय जवान और जय किसान का नारा हमेशा से ही बुलंद रहा है। किलक ने झुंझुनू जिला सर्वाधिक सैनिकों और सर्वाधिक शहीदों के मामले में देश में अग्रीय स्थान पर है। आज इस पुण्य धरा पर आकर वे अपने आप को भाग्यशाली मानते है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान भाईयों कि प्रत्येक समस्या को दूर करने के लिए हर संभव मद्द करने के लिए कृत संकल्पित है। समारोह को अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष सुंदरलाल एवं सांसद संतोष अहलावत ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार शहीद परिवारों के हर दुख और दर्द में उनके साथ है उन्होंने कहा कि सरकार उनके लाडले की कमी तो पूरी नहीं कर सकती, परन्तु उनको किसी भी प्रकार का दुख और परेशानी नहीं हो उसके लिए वे हर संभव मदद लिए तैयार है
कार्यक्रम में प्रधान शुभाष पूनिया ,चिड़ावा प्रधान कैलाश मेघवाल भी अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्य्रकम के दौरान अतिथियों ने शहीद वीरांगना, शहीद के माता-पिता का भी शॉल ओढाकर सम्मान किया।
शहीद ओमवीर सिंह की जीवनी
अमर शहीद ओमवीर सिंह का जन्म 5 अक्तूबर को गाँव हमीनपुर में श्री चतरू राम साईं पंवार के घर माता श्रीमती बिमला देवी की उज्जवल कोख से हुआ | दो भाइयो में ये छोटे थे | 10 वी तक की पदाहाई गाँव के ही सरकारी स्कूल से पास कर 12 वी इन्होने बनगोथडी गाँव के राजकीय विद्यालय से की | सनातक शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन्होने चिडावा कॉलेज में प्रवेश लिया |पढाई के साथ साथ ये फोज में भर्ती की तयारी भी करते थे |
इसी दौरान अपनी कड़ी मेहनत से ये 15 जून 2003 को थल सेना के गार्ड्स सेण्टर कामती (महाराष्ट्र) में भर्ती हो गये |
12 जनवरी 2003 को इन्हें शांति सेना में सयुंक्त राष्ट्र संघ की और से कांगो (साउथ अफ्रीका ) भेजा गया |
अक्तूबर 2015 में इनकी तैनाती जम्मू - कश्मीर में २१ राष्ट्रीय रायफल में थी |
10 मई 2016 की रात को सूचना मिली की 5 आंतकवादी घुस्पैट करने की फ़िराक में ह |
ये सूचना मिलते ही ओप्रतिओं रक्षक के नाम से 1 टीम इन आतंकवादियों को घेर कर मरने के लिए रात को 2 बजे पनुची तो अचानक आतंकवादियों ने गोलिबारी शरू कर दी ,इन्होने जवाबी फिरे किया अँधेरा घाना होने के कारन ये 1 गहरी खाई में गिर गए जिससे इनके सर में गंभीर चोटे आई | 11 मई 2016 को यह वीर सपूत सदा के लिए मतर्भूमि की गोद में हमेस्सा के लिए सो गया |12 माय 2016 को सेना का हलिकोप्टर इनके पार्थिव शरीर को शाम 7 बजे पिलानी (झुंझुनू ) लेकर पहुंचा
13 माय 2016 को सुबह पिलानी से इनके पत्रक गाँव हमीनपुर ले जाया गया जहा पुलिस व् सेना के जवानों द्वारा पुरे राजकीय सम्मानं के साथ सलामी दी गयी, इनके पुत्र अमन ने इनको मुखागनी दी व् इनकी अंतिम यात्रा में गाँव सहित आस पास के गाँवो के हजारो लोग शामिल हुए |
इनके पीछे इनके परिवार में पिता श्री चतरू राम , माता श्रीमती बिमला देवी , धरम पत्नी सुमित्रा देवी पुत्र अमन ,पुत्री अवनी भाई रामपाल, भाभी ममता ,भतीजा आशीष , भतीजी अंशु ह |