Gram Panchayat Haminpur Pilani Jhunjhunu

Haminpur

Gram Panchayat

Jhunjhunu History

झुन्झुनू राजस्थान राज्य में एक शहर और जिला है।

इतिहासकारों के अनुसार झुंझुनू को कब और किसने बसाया, इसका स्पष्ट विवरण नही मिलता है| उनके अनुसार पांचवी-छठी शताब्दी में गुर्जर कल में झुंझुनू बसाया गया था| आठवीं शताब्दी में चौहान शासकों के कल का अध्ययन करते हैं तो उसमे झुंझुनू के अस्तित्व का उल्लेख मिलता है| डॉ. दशरथ शर्मा ने तेहरवी शताब्दी के कस्बों की जो सूची दी है उसमे झुंझुनू का भी नाम है| इसी प्रकार अनंत और वागड राज्यों के उल्लेख में भी झुंझुनू का अस्तित्व कायम था|

Jhunjhunu Map Haminpur

सुलतान फिरोज़ तुगलक (ई. सन १३३८-१३५१) के बाद कायमखानी वंशज आये| कहते हैं, कायम खान के बेटे मुहम्मद खान ने झुंझुनू में अपना राज्य कायम किया, इसके बाद लगातार यह क्षेत्र कयामखानियों के अधिपत्य में रहा| एक उल्लेख यह भी मिलता है की सन १४५१-१४८८ के बीच झुन्झा नमक जाट ने झुंझुनू को बसाया|

झुंझुनू का अन्तिम नवाब रुहेल खान जो आस-पास के अपने ही वंश के नवाबों से प्रताड़ित था| ऐसे में शार्दूल सिंह शेखावत को यहाँ बुला लिया| रुहेल खान की मृत्यु के बाद विक्रम सम्वत १७८७ में झुंझुनू पर शेखावत राजपूतों का अधिपत्य हो गया जो जागीर अधिग्रहण तक चलता रहा|

शार्दूल सिंह के निधन के बाद उसके पञ्च पुत्रों जोरावर सिंह, किशन सिंह, अक्षय सिंह, नवल सिंह और केशरी सिंह के बीच झुंझुनू ठिकाने का विभाजन हुआ| यही पंच्पना कहलाया| इतिहासकारों के अनुसार जोरावर सिंह व् उनके वंशजो के अधीन चौकड़ी, मलसीसर, मंडरेला, डाबडी, चानना, सुल्ताना, ओजटू, बगड़, टाई, गांगियासर, कलि पहाड़ी आदि का शासन था, जबकि किशन सिंह और उनके वंशज खेतड़ी , अलसीसर, हीरवा, अडूका, बदनगढ, सीगडा,तोगडा, बलरिया आदि के शासक रहे| नवल सिंह और उनके वंशजों के अधीन नवलगढ़, मंडवा, महनसर, मुकुंदगढ़, इस्माईलपुर, परसरामपुरा, कोलिंदा आदि की शासन व्यवस्था थी| जबकि केशरी सिंह व् उनके वंशजों का बिसाऊ, सुरजगढ और डून्डलोद में शासन रहा| अक्षय सिंह चूँकि नि:संतान थे, अत: उनका हिस्सा अन्य भाइयों को दे दिया गया|

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ झुंझुनू जिले में व्याप्त जनाक्रोध कई आंदोलनों के रूप में सामने आया| स्वतंत्रता सैनानी सावलराम के अनुसार इस जनपद में आर्य समाज आन्दोलन, जकात आन्दोलन, जागीरदारों के खिलाफ आन्दोलन प्रजा मंडल आन्दोलन और अंग्रेजों के विरुद्ध आन्दोलन चले जो कमोबेश एक दुसरे के पूरक थे|

इतिहासकार मोहन सिंह लिखते हैं की जयपुर राज्य की सबसे बड़ी निजामत शेखावाटी थी जिसमा वर्तमान झुंझुनू और सीकर जिले की सम्पूर्ण सीमाएं थी| शेखावाटी निजामत का कार्यालय झुंझुनू में था| सन १८३४ में झुंझुनू एसा मजोर हेनरी फोस्टर ने एक जगह फौज का गठन किया था जिसका नाम शेखावाटी ब्रिगेड रखा गया| झुंझुनू में जिस जगह यह फौज रहती थी वह इलाका आज भी छावनी बाज़ार और छावनी मोहल्ला कहलाता हैं|

आज के समय में झुंझुनू जिले में शिक्षा का स्तर काफी हद तक पहुँच चुका है , जिले से काफी संख्या में आईएएस अधिकारी , आईपीएस अधिकारी , सेना अधिकारी , RAS अधिकारी सेवारत है | जिले में सैनिको को संख्या भी अत्यधिक मात्र में है |

झुंझुनू जिले में अनेक छोटे बड़े दर्शनीय स्थल है जैसे रानी सती का मंदिर, काली पहाड़ी, खेतड़ी महल आदि , साथ ही स्वामी विवेकानंद का संबंध भी खेतड़ी के राजा अजीत सिंह से रहा है जोकि इसी जिले के आधीन तहसील क्षेत्र है | खेतड़ी तहसील में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड का कॉपर उप्रकम भी कार्यरत है झुंझुनू की सीमा हरियाणा से लगती है पचेरी, शिमला जैसे गाँव हरियाणा के गोद बलावा (कृष्ण नगर) के नजदीक है |

BITS Pilani History

 

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